[जानें ?] ग्वालियर के गुरूद्वारे को दाता बंदी छोड़ क्यों कहा जाता है | Gwalior Ke Gurudware Ko Data Bandi Chhor Kyun Kaha Jata Hai?

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Gwalior Ke Gurudware Ko Data Bandi Chhor Kyun Kaha Jata Hai?

ग्वालियर के गुरूद्वारे को दाता बंदी छोड़ क्यों कहा जाता है?

इतिहास के अनुसार, गुरु हरगोबिंद साहिब को राजा जहांगीर ने ग्वालियर किले में हिरासत में लिया था। वह करीब दो साल तक जेल में रहे थे। उन्हें उनकी आक्रामक गतिविधियों के लिए जेल में डाल दिया गया था। जब उन्हें रिहाई का आदेश मिला तो उन्होंने 52 साथी कैदियों को रिहा करने का अनुरोध किया जो की हिंदू राजा थे। जहांगीर ने आदेश दिया कि जो भी गुरु का वस्त्र धारण करेगा उसे छोड़ दिया जाएगा। इस प्रकार गुरु का नाम दाता बंदी छोड पड़ा। गुरु हरगोबिंद सिंह की याद में, गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ 1970 में बनाया गया था। यह देश भर में सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है और यहाँ हर साल हज़ारों भक्त आते है।

Sanjay Pathekar

हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम संजय पाठेकर है। और पेशे से मै एक ब्लॉगर,यूट्यूबर हूँ। मै इस ब्लॉग पर पिछले 3 साल से Yojna, Jobs, Earn Money and Useful Info सम्बंधित जानकारी दे रहा हु। इस ब्लॉग के माध्यम से आपको ऐसी उपयोगी जानकरी देना है, जो आपके व्यावहारिक जीवन में काम आ सके।