Home Buy vs Rent
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Home Buy vs Rent – अपना खुद का घर हो यह हर किसी का सपना होता है। इंसान जिंदगी भर मेहनत करता है, पैसे कमाता है, ताकि एक खुद का घर खरीद सकें। वही दूसरी तरफ आजकल Rent पर रहने का चलन भी काफी बढ़ चुका है। Rent की Property न तो Maintenance की चिंता होती, न ही हम एक जगह बंध कर रहते। जब चाहे दूसरी जगह रहने जा सकते हैं।
ऐसे में कई लोगो के मन मे यह सवाल भी उठता है कि आखिर बेहतर क्या है? खुद का घर ले, या किराए के मकान में रहे। तो दोस्तों आज हम Finance की नजर से समझेंगे की इन दोनो में बेहतर क्या है।
खुद का घर या किराए का मकान दोनो के फायदे और नुकसान –
जिनका खुद का घर है वो किराए का मकान में रहने वाले को यही सलाह देते है कि खुद का मकान ले लीजिए। लेकिन जो किराए के मकान में रह रहे हैं उनकी Financial Planning के हिसाब से वही उनके लिए ठीक है। तो Reality में देखे तो दोनों अपने अपने जगह सही है, दोनो के कुछ फायदे और नुकसान है।
खुद के घर के फायदे –
खुद का घर होने के कई फायदे हैं। सबसे पहला फायदा है एक सुकून की अहसास. एक मध्यवर्गीय के पास यदि खुद का घर है तो यह उसके लिए बहुत अच्छा एहसास होता है क्योंकि कई लोग इसी जद्दोजहद में लगे हुए है।
खुद का घर एक Asset भी है। इसे एक तरह का निवेश कहना गलत नही होगा क्योंकि जरूरत के वक़्त इसे बेचकर पूँजी में बदल सकते हैं। वही यदि EMI से घर खरीदते हैं तो एक fixed EMI ही आपको 15-20 वर्ष तक देनी होगी।
खुद का घर लेने के नुकसान –
आपको हर महीने EMI देनी होगी और यह कई वर्षों तक चलेगी। घर हो जाने के बाद अपनी Location नही बदल सकते भले ही वह जगह पसंद न हो। घर बेचते वक़्त भी दिक्कत आ सकती है यदि Location Interior अच्छा नही है तो।
किराए से रहने के फायदे –
किराए का घर लेकर रहने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि जब चाहे Change कर सकते हैं। यदि आप ऐसे Sector में काम करते हैं जहाँ Continue कई साल तक एक जगह नही रह सकते तो यह विकल्प आपके लिए सही है।
अब यदि पैसे के लिहाज से देखे तो EMI के मुकाबले किराया काफी कम होता है। तो उसी अतिरिक्त पैसे को Mutual Fund आदि SIP के तहत Invest कर सकते हैं और इसी Investment से 20-25 साल में इतना पैसा बन जायेगा कि खुद का घर आसानी से ले सकेंगे।
किराए के घर में रहने के नुकसान –
किराए के घर मे रहने के नुकसान भी है। सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आप जब तक है तब तक आपको किराया देना ही पड़ेगा। आप यदि 20 साल तक EMI देते हैं तो आपका घर आ सकता है और 21वे साल आपका खुद का घर हो सकता है।
लेकिन किराए के मकान में आप 20 वर्ष तक रहे या 30 वर्ष तक, लेकिन वह आपका नही होगा। पैसे कमाने की भी एक सीमा होती है, एक उम्र के बाद आपको अपने काम से रिटायरमेंट लेनी ही पड़ेगी, लेकिन किराया तो देना ही पड़ेगा। ऐसे में यदि आपका घर है तो बुढ़ापे में सुकून का जीवन जी सकते हैं।
दोनो में से क्या बेहतर है –
अब दोनो में से क्या बेहतर है यह तो आपको ही तय करना होगा। लेकिन घर लेते वक्त एक बात जरूर ध्यान में रखे कि यदि Home Loan लेना भी पड़े तो वह बहुत कम होना चाहिए तभी घर लेने का फायदा है। अगर आप अभी भी घर खरीदने और घर रेंट पर लेने इन दोनों में से आपके लिये कौन सा विकल्प सही रहेगा, इसे जानना चाहते है, तो आप निचे दिया वीडियो देख सकते हैं।
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