IRCTC
IRCTC – बिहार-यूपी जाने वाली अधिकतर ट्रेनों में अभी से होली के मौके पर यात्रा करना मुश्किल लग रहा है. इन ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहे हैं. कुछ ट्रेनों में तो वेटिंग लिस्ट 250 से अधिक है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि यह वेटिंग लिस्ट क्या है और यह कितने तरह का होता है. किस वेटिंग टिकट के कंफर्म होने का चांस ज्यादा रहता है. दरअसल, टिकट बुक कराते समय हममें से अधिकतर लोग इस छोटी सी चीज पर ध्यान नहीं देते. ऐसे में ऐसा हो सकता है कि आपके सह यात्री के टिकट का वेटिंग लिस्ट ज्यादा हो और उसका टिकट कंफर्म हो जाए, लेकिन आपके टिकट का वेटिंग लिस्ट कम हो और आपका टिकट कंफर्म न हो. इसी चीज को समझने के लिए आज हम अलग-अलग तरह के वेटिंग टिकट के बारे में बताते हैं जिससे कि आप वेटिंग टिकट बुक कराते समय ही सही-सही अनुमान लगा सकें कि आपका टिकट कंफर्म होगा या नहीं?
भारतीय रेलवे एक ट्रेन के ओरिजिन स्टेशन से लेकर उसके गंतव्य स्टेशन के बीच कई तरह के वेटिंग टिकट जारी करती है. इसमें GNWL, RLWL, PQWL, RLGN, RSWL जैसे कई तरह के वेटिंग टिकट शामिल हैं. इन सभी वेटिंग टिकट के मायने अलग होते हैं और इनके कंफर्म होने के चांस भी इसी से तय होते हैं.
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क्या होता है जनरल वेटिंग यानी GNWL टिकट
GNWL का मतलब है जनरल वेटिंग लिस्ट. यह वेटिंग टिकट उस वक्त जारी किया जाता है जब आप ट्रेन के ओरिजिन स्टेशन से यात्रा शुरू कर रहे होते हैं. जैसे अगर कोई ट्रेन हावड़ा से चलकर दिल्ली आती है तो उसमें हावड़ा से टिकट लेने पर आपको जनरल वेटिंग लिस्ट मिलेगा. अगर आप उसी ट्रेन में पटना से टिकट लेते हैं तो आपको जनरल वेटिंग नहीं मिलेगा. यह सबसे कॉमन वेटिंग लिस्ट होता है और इस वेटिंग लिस्ट के कंफर्म होने का चांस सबसे ज्यादा होता है. क्योंकि जहां से ट्रेन चलती है वहां से उसमें ज्यादा बर्थ उपलब्ध होते हैं और टिकट कंफर्म होने का चांस भी ज्यादा हो जाता है. तो जब भी आप इस तरह से कोई टिकट लें तो इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आपको जनरल वेटिंग टिकट लेना या कोई अन्य.
क्या होता है RLWL?
RLWL का मतलब होता है रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट. यह वेटिंग लिस्ट ट्रेन के शुरू और गंतव्य स्टेशन के बीच के स्टेशनों से जारी किया जाता है. जैसे हवाड़ा से दिल्ली की ट्रेन में अगर कोई व्यक्ति पटना से टिकट लेता है तो उसे RLWL वेटिंग टिकट मिलेगा. ये स्टेशन ट्रेन के पूरे रूट में पड़ने वाले अहम शहर होते हैं. इस तरह के वेटिंग लिस्ट के कंफर्म होने के चांस GNWL की तुलना में कम होते हैं क्योंकि इसके लिए कोई कोटा नहीं होता. बल्कि उक्त स्टेशनों के बीच कंफर्म टिकटों के कैंसिल होने पर इसे कंफर्म किया जाता है.
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PQWL के मायने
PQWL का मतलब पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट (Pooled Quota Waiting List) होता है. यह टिकट ट्रेन रूट के बीच छोटे स्टेशनों से वेटिंग टिकट लेने पर मिलता है. उदाहरण के लिए अगर आप दिल्ली से भुसावल के बीच चलने वाली गोंडवाना एक्सप्रेस ट्रेन में विदिशा से भुसावल के लिए टिकट लेते हैं तो हो सकता है कि आपको वहां PQWL वेटिंग मिले. यानी PQWL उन्हीं यात्रियों को मिलता है जो ट्रेन के शुरू और अंतिम गंतव्य स्टेशनों के बीच के किन्हीं स्टेशनों के बीच यात्रा करते हैं. इस वेटिंग टिकट के भी कंफर्म होने का चांस काफी कम रहता है.
TQWL कब जारी किया जाता है
TQWL का मतलब तत्काल कोटा वेटिंग लिस्ट है. जब आप तत्काल टिकट बुक कराते हैं और आपको कंफर्म टिकट नहीं मिलता है तो रेलवे इस तरह का वेटिंग टिकट जारी करता है. इसके भी कंफर्म होने के चांस बहुत कम होते हैं. क्योंकि इसके लिए रेलवे के पास कोई कोटा नहीं होता. केवल कंफर्म तत्काल टिकट रद्द कराने के बदले यह TQWL वेटिंग टिकट कंफर्म किया जाता है.
रेलवे मुख्य रूप से इन चार तरह के वेटिंग टिकट जारी करता है. वैसे इसके अलावा RLGN, RSWL, RQWL वेटिंग टिकट भी जारी किए जाते हैं. लेकिन ऐसे टिकट विरले होते हैं और इनका कोई खास मायने नहीं रहता.
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