Human Eye Interesting Fact
Human Eye Interesting Fact: अगर हम स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं तो सबसे पहले फोन के कैमरे के बारे में पूछते हैं. फोन में कैमरा सबसे जरूरी होता है. ज्यादा से ज्यादा मेगापिक्सल वाला कैमरा HD क्वालिटी वाली फोटो खींचता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारी आंखें कितनी मेगापिक्सल की होती हैं. कई लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होगी. इंसान का शरीर जितना जटिल होता है, उतना ही आधुनिक है. हमारे शरीर के हर अंग की अपनी-अपनी खासियत होती है. कैसे हम इस खूबसूरत दुनिया को छोटी सी आंखों से देख पाते हैं. आइए जानते हैं हमारे आंखों की क्या खासियत होती है.
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कितने मेगापिक्सल की होती हैं इंसानों की आंखें?
इंसान सुबह उठने से रात को सोने तक कई चीजें देखते हैं. साइंटिस्ट और फोटोग्राफर डॉक्टर रोजर क्लार्क के अनुसार, मानव आंख का रिज़ॉल्यूशन 576 मेगापिक्सल है. वहीं स्मार्टफोन का कैमरा देखें तो काफी कम मिलता है.
576-मेगापिक्सेल रिजॉल्यूशन का अर्थ है कि इतनी स्पष्ट और स्पष्ट तस्वीर वाली स्क्रीन बनाने के लिए कि आप अलग-अलग पिक्सल में अंतर नहीं कर सकते, आपको 576 मिलियन पिक्सेल को अपने देखने के एरिया के साइज के फील्ड ऑफ व्यू करना होगा.
ढलती उम्र के साथ कमजोर होती हैं आंखें
भले ही आंखों का रिजॉल्यूशन 576 मेगापिक्सल का होता हो, लेकिन हमारा दिमाग इसे प्रोसेस नहीं कर पाता है. हमें दिखने वाले सीन का कुछ ही हिस्सा HD में दिख पाता है. अलग-अलग फोकस करने से व्यू क्लियर नजर आता है.बता दें, हमारी आंखों की क्षमता समान नहीं होती है. ढलती उम्र के साथ आंखों की रोशनी भी कमजोर हो जाती है. बढ़ती उम्र के साथ आंखों का रेटिना भी कमजोर होने लगता है. यही कारण है कि बुजुर्ग लोगों को नजर कमजोर हो जाती है और देखने में परेशानी होती है.
बता दें, मार्केट में अब 200MP तक के स्मार्टफोन लॉन्च हो चुके हैं. वो भी आंखों के मेगापिक्सल से काफी कम है. वहीं DSLR कैमरे की बात करें तो वो 400 मेगापिक्सल तक की तस्वीर खींचने की क्षमता रखते हैं. वो भी इससे कम है. आने वाले समय में फोन में ज्यादा मेगापिक्सल वाले कैमरे आ सकते हैं.
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