अर्थ के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के होते हैं ? – Arth K Adhar Par Vakya Kitne Prakar K Hote Hai

Arth K Adhar Par Vakya Kitne Prakar K Hote Hai

Arth K Adhar Par Vakya Kitne Prakar K Hote Hai -आज हम आपको अर्थ के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के होते हैं जानकारी देने जा रहे है।

अर्थ के आधार पर वाक्य कितने प्रकार के होते हैं ?

अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं। इनमें से किसी वाक्य को एक भेद से दूसरे भेद में इस तरह बदलना कि वाक्य का कर्ता, क्रिया और कर्म ज्यों का त्यों रहे, वाक्य रूपांतरण कहलाता है।विधानवाचक वाक्य, निषेधवाचक वाक्य, आज्ञा वाचक वाक्य, विस्मयादिबोधक वाक्य, प्रश्नवाचक वाक्य, संकेतवाचक वाक्य, संदेह वाचक वाक्य, इच्छावाचक वाक्य। जिस वाक्य से किसी क्रिया के करने या होने का बोध होता है उसे विधान-वाचक वाक्य कहते हैं।

जिन वाक्यों में किसी कार्य के निषेध का बोध होता है निषेधवाचक वाक्य कहलाते हैं।जिन वाक्यों से मूल में कुछ जानने की इच्छा होती है, उत्तर की अपेक्षा रहती है। ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते हैं। जिन वाक्यों से संदेह या शंका का भाव प्रकट होता है। उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।जिन वाक्यों से आज्ञा या आदेश का बोध होता है वे आज्ञावाचक वाक्य कहलाते हैं। इस प्रकार के वाक्य में इच्छा, शुभ भावना या आशीर्वाद का भाव लक्षित होता है अर्थात वक्ता अपने लिए या दूसरों के लिए किसी न किसी इच्छा के भाव को प्रकट करता है। 

जिन वाक्यों से एक क्रिया के दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। इस प्रकार के वाक्यों में किसी न किसी शर्त का उल्लेख होता है। विस्मयवाचक  वाक्यों में विस्मय, आश्चर्य, घृणा, प्रेम, हर्ष, शोक आदि भाव प्रकट होते हैं।

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