Bhoot Kitne Prakar Ke Hote Hai
Bhoot Kitne Prakar Ke Hote Hai -आज हम आपको भूत कितने प्रकार के होते हैं जानकारी देने जा रहे है।
भूत कितने प्रकार के होते हैं ?
आत्मा, ऐसी जीवन-शक्ति है, जो शरीर को जिंदा रखती है। जब शरीर से आत्मा या जीवन-शक्ति निकलती है, तो शरीर मर जाता है और पंचतत्वों में विलीन होकर परमात्मा के चरणों में समा जाता है।
हिन्दू धर्म में गति और कर्म लोगों का विभाजन किया गया है। भूत, प्रेत, पिशाच, कूष्मांडा, ब्रह्मराक्षस, वेताल और क्षेत्रपाल। ये सभी के उप भाग भी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार 18 प्रकार के प्रेत होते हैं। भूत सबसे पहली शुरुआत होती है। जब कोई आम व्यक्ति मरता है तो पहले भूत ही बनता है।
इसी तरह जब कोई स्त्री मरती है तो उसे अलग नामों से जाना जाता है। जैसे प्रसूता, स्त्री या नवयुवती मरती है तो वो चुड़ैल बन जाती है और जब कोई कुंवारी कन्या मरती है तो उसे देवी कहते हैं। जो स्त्री बुरे कर्मों वाली है उसे डायन कहते हैं। इन सभी की उत्पति अपने पापों, व्याभिचार से और अकाल मृत्यु से और सबसे जरूरी श्राद्ध न होने से होती है। जिन लोगों की मानसिक शक्ति बहुत कमजोर होती है उन पर ये भूत सीधे-सीधे शासन करते हैं।
यह प्रश्न भी देखे –
- Prthvee Ka Janm Kaise Hua
- Taadee Virodhee Aandolan Ka Sambandh Kis Raajy Se Ha
- Chipko Aandolan Kaha Hua Tha
- Khilafat Aandolan Kab Hua