Pradushan Kitne Prakar Ke Hote Hai
Pradushan Kitne Prakar Ke Hote Hai -आज हम आपको प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं जानकारी देने जा रहे है।
प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं?
पर्यावरण में दूषक पदार्थों के प्रवेश के कारण प्राकृतिक संतुलन में पैदा होने वाले दोष को कहते हैं। प्रदूषण पर्यावरण को और जीव-जन्तुओं को नुकसान पहुँचाते हैं। प्रदूषण का अर्थ है -‘वायु, जल, मिट्टी आदि का अवांछित द्रव्यों से दूषित होना’, जिसका सजीवों पर प्रत्यक्ष रूप से विपरीत प्रभाव पड़ता है तथा पारिस्थितिक तन्त्र को नुकसान द्वारा अन्य अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ते हैं। प्रदुषण कई प्रकार के होते है – जल प्रदुषण , वायु प्रदुषण , ध्वनि प्रदुषण आदि।
वायु प्रदूषण अर्थात हवा में ऐसे अवांछित गैसों, धूल के कणों आदि की उपस्थिति, जो लोगों तथा प्रकृति दोनों के लिए खतरे का कारण बन जाए। दूसरे शब्दों में कहें तो प्रदूषण अर्थात दूषित होना या गंदा (गन्दा) होना। वायु का अवांछित रूप से गंदा होना अर्थात वायु प्रदूषण है। वायु में ऐसे बाह्य तत्वों की उपस्थिति जो मनुष्य एवं जीव-जंतुओं के स्वास्थ्य अथवा कल्याण हेतु हानिकारक हो, वायु प्रदूषक कहलाती है तथा ऐसी स्थिति को वायु प्रदूषण कहते हैं। जल प्रदूषण का अर्थ है पानी में अवांछित तथा घातक तत्वों की उपस्थिति से पानी का दूषित हो जाना, जिससे कि वह पीने योग्य नहीं रहता। अनियंत्रित, अत्यधिक तीव्र एवं असहनीय ध्वनि को ध्वनि प्रदूषण कहते हैं। ध्वनि प्रदूषण की तीव्रता को ‘डेसिबल इकाई’ में मापा जाता है।
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