तुमरुका जी का मंत्र क्या है ? – Tumaruka Ji Ka Mantr Kya Hai

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Tumaruka Ji Ka Mantr Kya Hai

Tumaruka Ji Ka Mantr Kya Hai – आज हम आपको तुमरुका जी का मंत्र क्या है इसकी जानकारी देने जा रहे है

तुमरुका जी का मंत्र क्या है ?

तुलसीदास जी ने अपनी ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ में तुलसी मंत्र के रूप में ‘तुमरुका जी के दोहे’ का प्रयोग किया है। यह दोहे संसार के भावुकों के मन को शांति देने वाले हैं।
तुम शरणागत चलो रघुवीर। भवार्णव तारण तरण तीर।।

दोहा: सब विधि अधिकाई समेती, संसय नहिं जानत बिचारी । अखिल भुवन तुम्हें जानत, दुःख कष्ट ताप सब हरी ॥

दोहा: जब लग ग्रस रहत दाँय बाँय, तब लागि न सकत कोउ जाय । आवत जात भ्रमत सबै, नर पार नहिं जानत कोउ ॥

इन मंत्रों के माध्यम से, हम भगवान राम के चरणों में शरण लेने के लिए आवाहित होते हैं और संसार के सभी कष्टों से मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

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